ना मोहब्बत मुक्कमल हुई,ना नफ़रत 🥀✨

112 14 15
                                    

☆--------------------------------------------------------☆
𝕋𝕙𝕖𝕟 :- 𝐓𝐡𝐞𝐲 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐬𝐭𝐫𝐚𝐧𝐠𝐞𝐫𝐬...
ℕ𝕠𝕨 :- 𝐓𝐡𝐞𝐲 𝐚𝐜𝐭 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐬𝐭𝐫𝐚𝐧𝐠𝐞𝐫𝐬.....
☆--------------------------------------------------------☆
𝚃𝙷𝙴𝚈 𝙻𝙴𝙵𝚃....
𝑾𝑯𝒀...??

"𝚃𝙷𝙴𝚈 𝚂𝚃𝙰𝚁𝚃𝙴𝙳 𝙼𝙸𝚂𝚂𝙸𝙽𝙶 𝙴𝙰𝙲𝙷 𝙾𝚃𝙷𝙴𝚁
𝙴𝚅𝙴𝙽 𝚆𝙷𝙴𝙽 𝚃𝙷𝙴𝚈 𝚆𝙴𝚁𝙴 𝙰𝚁𝙾𝚄𝙽𝙳...!!"
☆--------------------------------------------------------☆

" ना मोहब्बत मुक्कमल हुई,
ना नफ़रत मुक्कमल हुई...

ना बहस हुई किसी बात पर,
ना गलती बताई गई...

ना झगड़ा हुआ कोई ,
ना नाराज़गी जताई गई ...

पहले बताते थे अपना हर दर्द ,
शायद अंत में बातें छिपाई गई...

ना कोई नफरत , ना कोई गलतफहमियाँ ,
युँ ही कुछ अटक कर रह गया उन के दरमियाँ....

एक बार उलझन सुलझा तो लेते ,
या कह देते यह उलझन हल ना हुई....

पर हार गए दोनों खामोशियों के तले---

ना मोहब्बत मुक्कमल हुई,
ना नफ़रत मुक्कमल हुई.....!!"

-KANIKA🥀✨...!!

You've reached the end of published parts.

⏰ Last updated: Jan 25 ⏰

Add this story to your Library to get notified about new parts!

कविताओं की नगरी🥀🦋...!!Where stories live. Discover now